मध्य प्रदेश पटवारी परीक्षा के पंचायती राज से संबंधित उपयोगी जानकारी भाग-1
मध्य प्रदेश पटवारी परीक्षा के पंचायती राज से संबंधित उपयोगी जानकारी भाग-1
ग्रामीण जनता के जीवन स्तर में वृद्धि के लिए 1952 में सामुदायिक विकास
कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय विस्तार सेवा कार्यक्रम फोर्ड फाउण्डेशन की मदद से
लागू किया गया ।
बलवंत राय मेहता की सिफारिशो के बाद पहली बार 2 अक्टूबर, 1959 को राजस्थान
के नागौर जिले मे पंचायती राज लागू किया गया । दूसरा राज्य आंध्र प्रदेश था ।
73वें संविधान संशोधन के द्वारा संविधान में भाग-9 मे पंचायती राज व्यवस्था
का वर्णन तथा 11वीं अनुसूची में पंचायती संस्थाओं के कर्तव्यों की सूची है ।
पंचायत चुनाव मे निर्वाचित होने के लिए उम्मीदावार की आयु 21 वर्ष होनी चाहिए
।
पंचायतों के चुनाव में महिलाओं व अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य
पिछड़ा वर्ग को आरक्षण अनुच्छेद-243 (D) के तहत प्रदान किया गया है ।
हाल ही मे कुछ राज्यो जैसे मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, एवं बिहार ने महिलोओ
को 50% आरक्षण प्रदान किया ।
पंचायतों का कार्यकाल 5 वर्षो का होता है ।
यदि पंचायतों का विघटन निर्धारित समय के पहले हो, तो पंचायतों के विघटन के 6 माह
के भीतर चुनाव होने चाहिए तथा चुनाव बचे हुये समय के लिए होगा ।
यदि पंचायतों का कार्यकाल 6 महीने से कम बचा हो तो चुनाव पूरे 5 वर्षो के लिए
होगा ।
पंचायतों की सबसे छोटी ईकाई ग्रामसभा होती है ।
मध्य प्रदेश में पंचायतों के खण्ड स्तर पर नाम जनपद पंचायत है ।
ग्राम पंचायत की बैठक के
लिए 1/3 सदस्यो का उपस्थित होना चाहिए ।
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